09 अगस्त 2025
एमएसएमई मंत्रालय के सचिव श्री एस.सी.एल.दास जी को ज्ञापन सौंपा
आज दिनांक 8 अगस्त 2025 दिन शुक्रवार को होटल कोर्टयार्ड, रायपुर में लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को समय पर भुगतान और उनके कारोबार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय कार्यशाला में, छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष श्री सतीश थौरानी जी के नेतृत्व में चेंबर प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य एमएसएमई को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और नीतियों के बारे में जागरूक करना था, जो उनके व्यवसाय को बढ़ाने और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने में मदद करती हैं। इस दौरान, सरकारी खरीद में एमएसएमई की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने के तरीकों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
चेम्बर प्रतिनिधि मंडल ने एमएसएमई के सचिव श्री एस.सी.एल.दास जी को ज्ञापन सौंपकर एमएसएमई फेसीलीटेशन कौंसिल की तरह एमएसएमई टेªड फेसीलीटेशन कौंसिल के गठन की मांग की एवं अंतर्राज्यीय माल परिवहन के दौरान अनावश्यक रोक एवं बिना आदेश के दंड वसूली के संबंध में सुझाव दिया जो निम्नानुसार है:-
एक सेंट्रल प्रोसेसिंग सेल की स्थापना की जाए जो निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्य करें जैसेः-
- यदि कोई अधिकारी को संदेह हो तो डीलर के क्रेडिट लेजर पर रोक लगाया जाए।
- डीलर को अंडर प्रोटेस्ट भुगतान करने की अनुमति दी जाए।
- अंतिम आदेश आने तक उसका पक्ष सुना जाए और न्यायिक प्रक्रिया के अनुरूप कार्यवाही की जाए।
उपरोक्त महत्वपूर्ण कदम उठाने पर अनावश्यक दंडात्मक वसूली पर अंकुश लगेगा तथा व्यापारियों का विश्वास व्यवस्था में बढ़ेगा और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।
चेंबर प्रदेश अध्यक्ष श्री सतीश थौरानी ने एमएसएमई के महत्व पर जोर देते हुए कहा, एमएसएमई हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उनका विकास न केवल रोजगार सृजन करता है, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने सरकार से एमएसएमई को भुगतान में देरी से बचाने के लिए सख्त नियम बनाने और उनका पालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
चेंबर प्रतिनिधिमंडल ने कार्यशाला में उठाए गए मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी और एमएसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर किया। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में खरीद प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए ताकि छोटे व्यापारियों को अनावश्यक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
यह कार्यशाला एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक कदम है, और छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज इस दिशा में सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
महिला उद्यमियों को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इनमे मुख्य रूप से वित्तीय बाधाएं, सामाजिक पूर्वाग्रह, ज्ञान की कमी और कार्य-जीवन संतुलन की समस्या शामिल है। इसके अलावा, औपचारिकरण की चुनौतियाँ, उत्पादन संबंधी समस्याएं और बाजार तक पहुंच की कमी भी उनके मार्ग में बाधाएं उत्पन्न करती हैं।
विस्तार से:
वित्तीय बाधाएं:
महिला उद्यमियों को अक्सर अपने व्यवसायों के लिए धन जुटाने में कठिनाई होती है, क्योंकि उन्हें पुरुषों की तुलना में कम ऋण मिलता है, और संपार्श्विक (collateral) की कमी होती है।
सामाजिक पूर्वाग्रह:
सामाजिक अपेक्षाएं और पारंपरिक लैंगिक भूमिकाएं महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने और चलाने से हतोत्साहित कर सकती हैं।
ज्ञान की कमी:
कई महिला उद्यमी, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, अपने व्यवसाय को औपचारिक बनाने और सरकारी योजनाओं तक पहुंचने के लाभों से अनजान होती हैं।
कार्य-जीवन संतुलन:
महिलाओं को अक्सर घर और काम के बीच संतुलन बनाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
औपचारिकरण की चुनौतियां:
कई क्षेत्रों में, सामाजिक और सांस्कृतिक मानदंड महिलाओं को अपने व्यवसायों को औपचारिक रूप देने से रोकते हैं।
उत्पादन संबंधी समस्याएं:
कच्चे माल की कमी, अपर्याप्त मशीनरी, और कुशल श्रमिकों की कमी उत्पादन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
बाजार तक पहुंच की कमी:
महिला उद्यमियों को अक्सर अपने उत्पादों और सेवाओं को बेचने के लिए बाजार तक पहुंचने में कठिनाई होती है।
इन चुनौतियों के बावजूद, महिला उद्यमी अपनी प्रतिभा, कड़ी मेहनत और व्यावसायिक कौशल के साथ इन बाधाओं को पार करने में सक्षम हैं।
प्रदेश अध्यक्ष महिला विंग डॉ इला गुप्ता ने यह सब चर्चा करते हुए यह कहा और साथ में यह माँग भी की एक हेल्प लाइन नंबर जिससे हर महिला को साधारण जानकारी की भी प्राप्त हो
इस अवसर पर चेंबर प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी, सलाहकार त्रिलोकचंद बरड़िया, वाइस चेयरमेन चेतन तारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष राधाकिशन सुंदरानी, जसप्रीत सिंह सलूजा, उपाध्यक्ष- लोकेश चंद्रकांत जैन, दिलीप इसरानी, जितेंद्र शादीजा, सोनिया साहू, महेंद्र बागरोड़िया, महिला चेंबर अध्यक्ष डॉ. इला गुप्ता, कोषाध्यक्ष नम्रता अग्रवाल, संरक्षक मीनाक्षी टुटेजा, फुलबासन बाई यादव,कार्यकारी अध्यक्ष मधुबाला सिंह, वरिष्ठ सलाहकार आभा मिश्रा, वित्तीय सलाहकार-सोमा घोष, हेमल बेन शाह, मंत्री-शीलम झुनझुनवाला, प्रेरणा भट्ट आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
