18 अगस्त 2025
(सीजी क्राइम रिपोर्टर)बिलासपुर:-अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ प्रचार केंद्र द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया। तिफरा स्थित लोटस में आयोजित इस पावन अवसर पर कृष्ण जन्मोत्सव कथा महापिषेक, भोग, सांस्कृतिक प्रस्तुतिया और विशाल प्रसाद वितरण कार्यक्रम हुआ। सुबह से ही भद्धलुओं की भीड़ परिसर में उमड़ने लगी थी। भगवान श्रीकृष्ण की सुंदर झांकियों और आकर्षक सजावट ने वातावरण को भक्तिमय बन दिया। जन्माष्टमी की कथा और महाभिषेक के दौरान भक्तगण हरि नाम संकीर्तन और हरे कृष्ण हरे कृष्ण के महामंत्र में डूबे नजर आए।

प्रमुख गणमान्यजन की रही उपस्थिति
इस अवसर पर शहर के मगमान्य जन भी उपस्थित हुए। विधायक धरमलाल कौशिक और सुशांत शुक्ला ने महाभिषेक कर श्रीकृष्ण को भोग अर्पित किया व प्रसाद ग्रहण किया। उन्होंने इसकॉन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज में आध्यात्यिक चेतना जगाने में महलपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अनिल टाह संरक्षक ने कहा कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन बिलासपुर में इस्कॉन महोत्सव विशेष स्थान बना चुकी है। जहां शहर एवं आसपास के लोग श्रद्धा भाव से आयोजन में पूजन दर्शन अभिषेक हेतु आते हैं ।
आयोजन में अनिल टाह, भुवन वर्मा तारा साहू ,प्रीति चौहान ममता गुता,संजय वर्मा अध्यक्ष हरिहर ऑक्सीजॉन , राजेश गुप्ता, गणेश बोडके, संतोषी वर्मा सीमा, मोना,किरण , पंकज कुंभज, राजेश पांडेय एवं समस्त कार्यकर्ताओं की सक्रिय उपस्थित रही।
स्थानीय कलाकारों ने भी दी सांस्कृतिक प्रस्तुति, श्रद्धालुओं का मोहा मन
जन्मोत्सर का मुख्य आकर्षण मायापुर से आए कीर्तनीयों की भजन-कीर्तन प्रस्तुतियां रहीं। उनकी मधुर धुनों और भावपूर्ण गायन से पूरा पंडाल गूंज उठा। इसके साथ ही स्थानीय कलाकारों और भक्तों ने भी नृत्य एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी, जिन्होंने बद्धालुओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और देर रात तक भजन कीर्तन में लीन रहे। महिलाओं और बच्चों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिगा। भक्तों ने सामूहिक रूप से आरती उतारकर श्रीकृष्ण जन्म का स्वागत किया।
इस्कॉन बिलासपुर प्रचार केंद द्वारा आयोजन स्थल पर 12 हजार प्लेट प्रसाद वितरित किया गया। इसके साथ ही बड़ी संख्या में भगवद्गीता और अन्य धार्मिक ग्रंथ का वितरण भी किया गया। समिति के सदस्य भुवन वर्मा ने कहा कि गीता केवल एक धार्मिक पुस्तक नहीं बल्कि जीवन जीने का मार्गदर्शक है। इस पारन अवसर पर गीता के संदेशों के अनुस्य जीवन जीने की प्रेरणा भी दी गई।
नगर की परिजनों द्वारा नन्हें बालकों को कान्हा बनकर अपने-अपने घरों से लेकर आए थे ।जो प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा । जन्माष्टमी महोत्सव की सफल आयोजन में इस्कॉन सदस्यों एवं प्रभु जनों का सराहनी योगदान रहा है।
