09 अगस्त 2025
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शिव गुलजार भवन तोरवा में थाना तोरवा के थाना प्रभारी भ्राता अभय जी सहित सहायक उप निरीक्षकगण एवं उनके अन्य पुलिस कर्मचारी भी उपस्थित हुए जिन्हें शिव गुलजार भवन की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी राखी दीदी जी ने राखी बांधी, तिलक लगाया एवं मिठाई खिलाई तत्पश्चात परमात्मा के घर का वरदान कार्ड भी दिया गया एवं सभी को परमात्मा के घर का भोजन कराते हुए सौगात भी दिया गया, इसके साथ ही साथ राखी दीदी जी ने रक्षाबंधन के पावन पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि इस दिन हर बहन बहुत प्यार से अपने भाइयों को राखी बांधती हैं तिलक लगती हैं एवं मुख मीठा कराती हैं। किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने हेतु मस्तक पर आत्मिक स्मृति एवं विजय का प्रतीक तिलक लगाया जाता है, राखी अथवा रक्षा सूत्र इसलिए बांधा जाता है ताकि वह हमारे लिए एक रक्षा कवच का कार्य करे एवं मुख मीठा करना अर्थात अपने जीवन को मधुर बनाना। सर्वप्रथम इंद्राणी ने इंद्र को युद्ध में विजय प्राप्त करने हेतु राखी बांधा था और इंद्र की युद्ध में विजय हो जाती है इसके पश्चात ब्राह्मणों ने समाज में मर्यादाओं की रक्षा हेतु यजमानों को राखी बांधा, धीरे-धीरे समाज में विकृतियो की उत्पत्ति होने लगी और उन विकृतियों को समाप्त करने हेतु सबसे पवित्र रिश्ता भाई और बहन का होता है इसलिए बहन अपने भाइयों को इन विकृतियों से बचाने के लिए राखी बांधना प्रारंभ की और यह दृढ़ प्रतिज्ञा उनसे कराई कि वह अपनी बहन के साथ ही साथ हर स्त्री की रक्षा करे और तब से लेकर रक्षा बंधन का पर्व भाई बहनों का त्योहार के रूप में मनाया जाने लगा, परंतु आज भी समाज में स्त्रियां सुरक्षित नहीं है उनके साथ अन्य प्रकार की घटनाएं घटित हो रही है वास्तव में हमारी रक्षा एकमात्र परमपिता परमात्मा ही करते हैं और इसी परमात्मा स्मृति से आज सभी पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को जिनके हाथों में समाज की सुरक्षा है उन्हें परमात्मा के घर की सुरक्षा कवच यह राखी बांधी जा रही है।



राजयोगिनी पूर्णिमा दीदी जी ने भी उपस्थित समस्त पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारीगण को ब्रह्मा कुमारीज यूनिवर्सिटी का परिचय दिया
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अंजू दीदी जी ने एवं ब्रह्माकुमारी दिव्या दीदी, ब्रह्माकुमारी नीति दीदी जी ने भी सभी को मेडिटेशन कराया एवं परमात्मा के घर का भोजन कराया
