17  बार चाकू से वार… सांसें थमने को थीं… फिर सिम्स के डॉक्टरो ने बच्चाई जान

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12 अगस्त 2025 ज़िंदगी और मौत के बीच लटक रहे 19 वर्षीय युवक की कहानी सुनकर हर किसी की सांसे सहम जाएगी।

ज़िंदगी और मौत के बीच लटक रहे 19 वर्षीय युवक की कहानी सुनकर हर किसी की सांसे सहम जाएगी।

बिलासपुर चोरभट्टी के पास मामूली कहासुनी ने खौफनाक खूनी रूप ले लिया।विवाद इतना बढ़ा कि युवक पर बेरहमी से 17 बार चाकू से वार कर दिए गए।

खून से लथपथ युवक को जब सिम्स लाया गया, तब उसकी सांसें रुक-रुक कर चल रही थीं। छाती में गहरे घाव से फेफड़े फट चुके थे और हवा पूरे शरीर की त्वचा के नीचे फैल गई थी, पेट के अंदरूनी हिस्से भी चाकू से चीरे गए थे। एक पल की देरी उसकी जान ले सकती थी।

तभी सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनोद तामकनंद और पीजी डॉक्टर गरिमा ने तुरंत ऑपरेशन शुरू किया। एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. भावना रायजादा, डॉ. शीतल, डॉ. प्राची और नर्सिंग स्टाफ की सिस्टर मीना ने जान की बाज़ी लगाकर साथ दिया। ऑपरेशन में डॉक्टरों ने कटी हुई आंत को जोड़ा, फटे डायफ्राम की मरम्मत की और फेफड़ों को फिर से सांस लेने लायक बनाया।

सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर हर दवा और साधन तुरंत उपलब्ध कराया।

कई घंटे की जद्दोजहद के बाद ऑपरेशन सफल रहा… और मौत को मात देकर युवक ने फिर से आंखें खोलीं। आज वह पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट चुका है।