साईबर अपराध में पुलिस ने पीड़ित प्रोफेसर का दिया साथ फिर भी हो गई 88 लाख की ठगी।

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10 अगस्त 2025

रायपुर : राजधानी में एक चौंकाने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है। यहां रायपुर शासकीय इंजीनियर कॉलेज में पदस्थ सीनियर प्रोफेसर डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए। इस दौरान प्रोफेसर ने 26 दिनों के भीतर ठगों को 88 लाख रुपए दे दिए। ठगों ने मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोपों का डर दिखाकर प्रोफेसर को धमकाया और उनके बैंक खाते से भारी भरकम राशि हड़प ली। जिसके बाद प्रोफेसर ने पुलिस में इसकी शिकायत की है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस के मुताबिक साईबर अपराधी अक्सर फर्जी कॉल और वीडियो कॉल के जरिए लोगों को डराकर ठगी करते हैं और यह मामला भी उसी तरह का है। पुलिस ने बताया कि पुरानी बस्ती क्षेत्र में रहने वाले 62 साल के संतोष कर्मकार शासकीय इंजीनियर कॉलेज में प्रोफेसर है। 20 जून को साईबर ठगों ने प्रोफेसर संतोष कुमार को फोन और व्हाट्सएप कॉल के जरिए निशाना बनाया। ठगों ने खुद को बेंगलुरु पुलिस का अधिकारी बताया और उन्हें झांसा दिया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों में हुआ है। इसके बाद उन्हें डिजिटल अरेस्ट होने का झूठा डर दिखाकर बैंक खातों से 88 लाख रुपये ठग लिए गये। इस तरह से सीनियर प्रोफेसर से ठगी कर ली गई।

पुलिस को हुआ था शक, लेकिन नहीं समझे प्रोफेसर :

शुरूआत में पुलिस ने ठगी के एक मामले की जांच के दौरान प्रोफेसर का ट्रांजेक्शन देखा था। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में खुद जानकारी निकालकर प्रोफेसर से संपर्क किया और उनके घर गये थे, इस दौरान पुलिस ने उनसे पूछा कि क्या वे साईबर अपराध का शिकार हैं तो प्रोफेसर ने मना कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उनके साइबर अपराध का पैटर्न और बचाव के बारे में बताया। साथ ही पुलिस ने ऐसा कुछ होने पर शिकायत करने को कहा, लेकिन प्रोफेसर उस समय इतना डरे हुए थे, कि उन्होंने पुलिस को कुछ नहीं बताया और उनके साथ हो रहे अपराध कि बात छिपा ली। हालांकि जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने पुरानी बस्ती पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, तब तक उनसे बड़ी रकम ठग ली गई थी। पुलिस ने मामले में कार्यवाही भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और ठगों के बैंक खातों और कॉल डिटेल की जांच कर रही है।

18 महिने में 107 करोड़ की ठगी :

छत्तीसगढ़ सरकार ने साईबर ठगी के बढते मामले को देखते हुए विशेष साईबर सेल बनाए गए हैं। यह साईबर सेल संदिग्ध खातों को फ्रीज करने और ठगों को पकड़ने के लिए काम कर रहे हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स पर भरोसा न करें। ऐसे मामले की जानकारी पर तुरंत 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करें। छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले 18 महीनों में 107 करोड़ रुपये से अधिक की साईबर ठगी के मामले सामने आए हैं। लोगों से काफी रकम की ठगी की गई है, उनकी जीवनभर कि पूंजी का बड़ा नुकसान हुआ है।