06 अगस्त 2025
रायपुर : हर अपराध कहीं ना कहीं गलत तो होता ही है, ऐसे में अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद कितना बड़ा भुगतान करना पड़ सकता है, वो कोर्ट के इस फैसले से समझा जा सकता है। मामला है गुढ़ियारी थाना अंतर्गत 3 साल पहले मॉर्निंग वॉक पर निकले युवक पर चाकू से हमला करके 13 हजार रुपये के मोबाईल लूट की घटना हुई थी, लूट के इस मामले में रायपुर जिला कोर्ट ने लम्बी सुनवाई के बाद अब आरोपियों को सजा सुनाई है, जो बदमाशों के लिये सबसे बड़ा सबक है।
मामला है 1 सितंबर 2022 को मॉर्निंग वॉक पर निकले देवेंद्र साहू से गोंदवारा के एकता नगर के पास बदमाशों ने 13 हजार रुपये के मोबाईल की लूट की और फरार हो गये। पीड़ित देवेंद्र साहू घटना वाले दिन सुबह लगभग 5:00 बजे के करीब एकता नगर के पास मॉर्निंग वॉक कर रहा था। इसी दौरान दो बदमाश एक्टिवा पर सवार होकर देवेंद्र साहू के नजदीक पहुंचे, उसका कॉलर पकड़ा और जेब से चाकू निकालकर उस पर हमला कर दिया। जिससे देवेन्द्र घायल हो गया।
इस दौरान देवेंद्र ने बचने के लिए चाकू पकड़ा तो उसकी हथेली कट गई। इसके बाद बदमाश देवेंद्र साहू की जेब से मोबाईल लूट कर फरार हो गए थे। भागते हुए बदमाशों की गाड़ी का नंबर देवेंद्र साहू ने नोट कर लिया, जिसके बाद मामले की शिकायत गुढ़ियारी थाने में दर्ज कराई गई और पुलिस की कार्यवाही में आरोपी पकडे गये।
कोर्ट ने बदमाशों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा :
इस घटना को अंजाम देने वाले दो बदमाशों को कोर्ट ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही एक बदमाश पर 40 हजार और दूसरे बदमाश पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। लोक अभियोजक राहुल गुप्ता के अनुसार “कोर्ट ने शेख शब्बीर और आशीष मिर्जा को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही जुर्माना भी लगाया है। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश शैलेश शर्मा की कोर्ट में हुई।” आरोपियों के लिये यह बड़ा सबक है।
कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटना से भय का वातावरण निर्मित होता है. आरोपियों को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा “आज आम नागरिकों का जीवन असुरक्षित हो गया है। इसलिए केवल चोट की प्रवृत्ति महत्व नहीं रखती बल्कि यह चिंता का विषय है कि वही व्यक्ति सुबह या कभी भी घर से घूमने या जाने के लिए निकलता है और उस व्यक्ति के साथ लूटपाट जैसी घटना करने के साथ ही चोट पहुंचाई जाती है। उस स्थिति में उस व्यक्ति और उसके परिवार और आसपास के लोगों में भय का वातावरण निर्मित हो जाता है।” इस टिप्पणी को लेकर कोर्ट ने अपना फैसला दिया है।
