13 अगस्त 2025
(सीजी क्राइम रिपोर्टर)बिलासपुर:-शनिचरी पड़ाव स्थित भाई वरियाराम गुरुद्वारा गोंड पारा में सिंधी समाज की सुहागन महिलाओं ने ट्रीजडी (तीज पर्व) का आयोजन किया. पर्व को लेकर शहर में सभी जगह समाज के महिलाओं में भारी उत्साह रहा। इसके लिए कई जगहों पर पारम्परिक पूजा अर्चना के कार्यक्रम हुए।


गुरुद्वारे की प्रमुख श्रीमती कोमल वाधवानी ने बताया कि सभी समाज की तरह सिंधी समुदाय भी अपने तीज त्यौहार श्रद्धा और उमंग से मनाता है मंगलवार को ट्रीजडी (तीज पर्व) के दिन महिलाओं ने अपने पति के लंम्बी उम्र के लिए सज धज कर श्रद्धा पूर्वक उपवास रखा एवं ट्रीजडी माता की पूजा अर्चना कर अखंड सुहाग की कामना की. शगुन के रूप में तड़के उठकर हल्का भोजन ग्रहण कर उपवास प्रारंभ किया।


कोमल वाधवानी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि (सात प्रकार के अनाज भोजली उपजाया) ट्रीजडी पर्व के पहले आने वाली एकादशी के दिन किसी पात्र या बर्तन में मिट्टी डालकर सात प्रकार के अनाज डालकर तीज (सतधान्य भोजली) उपजाया जाता है सतधान्य की ट्रीजडी के दिन सुहागिन महिलाओं के द्वारा फल फूल जल चढ़ाकर भाई वरियाराम गुरुद्वारा में विशेष रूप से बनाए गए झूले पर ट्रीजडी माता को झूला झुलाकर विधि विधान से पूजा अर्चना की एवं पति के दीर्घायु होने की भगवान शिव एवं माता पार्वती जी से मंगल कामना की एवं वर-घर एवं परिवार के सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की। (शाम को चंद्रमा को दिया अर्घ् य) संध्या को ट्रीजडी माता की कथा श्रवण कर चंद्र देवता को दूध में चावल डालकर एवं जल चढ़ाकर अर्घ् य देकर व्रत का पारण किया।



ट्रेजडी (तीज पर्व) के दिन समाज की कुंवारी कन्याएं भी मनवांछित वर-घर मिलने की मंगल कामना कर श्रद्धा भक्ति उत्साह के साथ उपवास रखा।
आज ट्रेजडी (तीज पर्व )पर पूजा अर्चना एवं कथा श्रवण भाई वरिया राम गुरुद्वारा की गुरुद्वारा प्रमुख श्रीमती कोमल वाधवानी के विधि विधान एवं श्रद्धा भक्ति के साथद्वारा संपन्न कराई गई एवं गुरुद्वारे में संध्या समय सिंधी समाज की सभी महिलाएं एवं कन्याएं उपस्थित रही।
